मामला बदायूं जिले के उझानी कोतवाली क्षेत्र के पिपरौल गांव का है, जहां एक तेरहवीं की दावत के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई. गांव के एक व्यक्ति की तेरहवीं में दावत रखी गई थी, जिसमें रायता परोसा गया. यह रायता गांव के ही रहने वाले प्रमोद साहू की भैंस के दूध से बने मट्ठे से तैयार किया गया था.
गांव के लोगों ने बताया कि कुछ दिन पहले प्रमोद की भैंस को एक पागल कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद भैंस में रेबीज के लक्षण दिखाई दिए और बाद में उसकी मौत हो गई.
200 से ज्यादा लोग रेबीज इंजेक्शन लगवाने अस्पताल पहुंचे
भैंस की मौत के बाद गांव में यह अफवाह फैल गई कि जिस मट्ठे से रायता बनाया गया था, उसे खाने वाले लोगों में भी रेबीज फैल सकता है. इस आशंका ने गांव में डर का माहौल पैदा कर दिया. डर के चलते लोग अपने घर छोड़कर अस्पताल पहुंचने लगे. हालात ऐसे बने कि एक-दो नहीं बल्कि करीब 200 लोग अस्पताल पहुंच गए और जिन ग्रामीणों ने दावत में रायता खाया था, एहतियात के तौर पर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवा रहे हैं.
बड़ी संख्या में लोगों के एक साथ पहुंचने से स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया. सीएमओ ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि एक भैंस की रेबीज से मौत हुई है. जानकारी मिलने के बाद निर्देश दिए गए कि जिन लोगों ने रायता खाया है, वे एहतियातन एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवा लें.
उन्होंने कहा कि रेबीज होने पर इलाज बेहद सीमित होता है, इसलिए शंका होने पर वैक्सीन जरूरी है. वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दूध उबालने से रेबीज का खतरा काफी कम या समाप्त हो जाता है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.
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