श्रद्धालुओं ने तीर्थंकर भगवान पारसनाथ के चरणों में केसर अर्पित कर विधिवत पूजा-अर्चना की एवं धर्म लाभ प्राप्त किया। मेले का शुभारंभ प्राचीन परंपरा के अनुसार भावसार समाज द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना के साथ किया गया। समाज के सदस्यों ने मंगल मंत्रोच्चार एवं भक्ति भाव से भगवान की आराधना की, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा।
इसके पश्चात जैन समाज के श्रद्धालुओं ने क्रमबद्ध रूप से पूजा कर पुण्य लाभ अर्जित किया। पौषी दशमी के अवसर पर मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया। भजन-कीर्तन, धार्मिक अनुष्ठान एवं जयकारों से वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा। श्रद्धालुओं ने उपवास, दान-पुण्य एवं सेवा कार्यों में भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।
मेले की व्यवस्थाओं के लिए मंदिर समिति, मक्सी नगर पुलिस प्रशासन एवं जैन समाज के स्वयंसेवकों ने सराहनीय भूमिका निभाई। स्वच्छता, पेयजल, स्वामीवात्सल्य तथा दर्शन की सुचारु व्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हुई।
पौषी दशमी के समापन अवसर पर दशमी की शाम 5 बजे भगवान पारसनाथ के अभिषेक जल से पूरे नगर में शुद्धिकरण एवं शांति के उद्देश्य से जलधारा निकाली गई। इस धार्मिक परंपरा से नगर में शांति, सद्भावना और सामाजिक एकता का सुंदर दृश्य देखने को मिला।
रिपोर्ट मनोज जोशी
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