मध्यप्रदेश में मानसून का रुख एक बार फिर से खतरनाक हो गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 72 घंटे के लिए यलो अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी से आए लो-प्रेशर सिस्टम और चक्रवाती हवाओं (Cyclonic Circulation) के चलते राज्य के कई जिलों में भारी बारिश (Heavy Rain) का दौर शुरू होने वाला है।
क्या आपका जिला भी है भारी बारिश की जद में?
मौसम विभाग के अनुसार, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी जिले 28 अगस्त को सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इन जिलों में 24 घंटे के भीतर 3 से 4 इंच तक बारिश दर्ज होने की संभावना जताई गई है।
चक्रवाती सिस्टम क्यों बढ़ा रहा खतरा?
मौसम वैज्ञानिक डॉ. अरुण शर्मा के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी से उठे लो-प्रेशर एरिया ने पूरे मध्य प्रदेश के ऊपर एक नया सिस्टम सक्रिय कर दिया है। इसके साथ ही गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से गुजर रही ट्रफ लाइन भी भारी बारिश का कारण बन रही है।
29 और 30 अगस्त को कहां होगी तबाही?
29 अगस्त को झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, देवास, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। 30 अगस्त को इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, धार, बड़वानी, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, सीहोर, रायसेन, नरसिंहपुर, मंडला और बालाघाट समेत कई जिलों में मौसम का मिजाज बिगड़ने के आसार हैं।
CM डा. मोहन यादव का हेलिकॉप्टर क्यों रुका?
मौसम का असर सिर्फ आम जनता पर ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक कामकाज पर भी पड़ा। सीएम डॉ. मोहन यादव का हेलिकॉप्टर खराब मौसम के कारण उज्जैन से इंदौर नहीं उड़ सका। उन्हें सड़क मार्ग से सफर करना पड़ा।
कहीं धूप, कहीं बारिश: क्यों बदल रहा मौसम?
राज्य के कई जिलों में बुधवार को धूप-छांव का खेल देखने को मिला। भोपाल में तापमान 2 डिग्री तक बढ़ गया जबकि श्योपुर और इंदौर में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। सागर में देर शाम भारी बारिश हुई। वहीं, तवा नदी के उफान के चलते तवा डैम का एक गेट खोलना पड़ा।
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